राष्ट्रमंडल खेलो में अब बस गिनती के ही दिन रह गए लेकिन काम अभी भी इतना बाकि है के लग नहीं रहा के समय रहते पूरा हो जायेगा अगेर कोई कसर रह गयी तो बद्नामी वो दाग लगेगा जिसको साफ़ होने में कितना समय लगे कुछ पता नहीं लेकिन सरकर इस बात को शायद नही सोचते है जो काम अब तक पूरा हो जाना चहिये था वो पूरा होने करीब भी नहीं लग रहा है !ऐसे अब देखना यही है के देश की किरकिरी होने से बच पाती
या नही !
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