सरकार ने भारतीय जनता युवा मोर्चे के कार्यकर्ताओं को लाल चौक से करीब ९० किलोमीटर पहले ही रोकने की तैयारी कर रही है ! इससे पहले १९९२ में भाजपा ने मुरली मनोहर जोशी की अगुवाई में कन्याकुमारी से श्रीनगर तक एकता यात्रा निकल कर लाल चौक पर तिरंगा फहराया था ! १८ साल बाद फिर एक बार भाजपा को लाल चौक की याद आई है ! जिसकी शुरुआत कोलकाता से हो चुकी है और इस बार अगुवाई कर रहे है भारतीय जनता युवा मोर्चे के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर , जो एक यूथ आइकन भी है !
आज इसके बारे में मैं अपने एक मुस्लिम मित्र से बात कर रहा था की भैया भाजपा ने जो लाल चौक पर तिरंगा फहराने का जो संकल्प लिया है क्या वो सही है ! मुझे उनकी बात सुनकर बहुत ही अच्छा लगा जब उन्होंने कहा कि हाँ बिलकुल सही है और भाजपा के इस कदम का साथ देते हुए वहां कि जनता को भी तिरंगा फहराना चाहिए ! काश ऐसा हो पता , काश ऐसा ही हो , असी ही कुछ बाते मेरे दिमाग में आये ! और साथ में कुछ दिन पहले अलगवाद की आग में जिस तरह से घाटी जली उसकी तस्वीर !किस तरह से खिलोनों से खेलने वाले बच्चे हाथों में पत्थर लिए सुरक्षाकर्मियों की गोली के सामने सीना तान के खड़े! मंजर ऐसा की रोंगटें खड़े करदे ! सीमा पार बैठा पाकिस्तान अलगवाद की आग लगाकर किस तरह से घी डाल रहा था और कैसे आग हर दिन विकराल रूप धारण कर रही थी ! जिसे हम जन्नत कहते है , उसकी फिजा में आज जन्नत जैसा कुछ भी नज़र नहीं आता ! १८ साल बाद ही सही , एक ऐसा कदम ,मेरे विचार से जिसका हर भारतीय को जोरदार स्वागत करना चाहियें और वो भी डंके की चोट पर ! आखिर हम सब कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक सब भारतीय है !
अब भाजपा के युवा कार्यकर्ताओं ने ही सही जब ये कदम उठा ही लिया है , उमर अब्दुल्ला को भी तिरंगा फहराने से रोकने के बजाय, उन लोगों को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम करने चाहिए ,जो हमारे देश में रहते है , खाते है और सोते है लेकिन गुणगान कही ओर का गाते है ! उमर को उन्हें रोकना चाहिए जो हमारे देश में पाकिस्तान का झंडा लगाते है , क्या उमर का , दिल्ली कि कुर्सियों पर बैठे राजनेताओं का खून जम गया है ! भारत के अन्य राज्यों की तरह कश्मीर भी अभिन्न अंग है! फिर हमे हमारे अपने देश में ,अपने देश का झंडा फहराने से रोकना लोकतंत्र का मुखौल उड़ाना है और साथ ही भारत माता का भी अपमान करना ! हमें एक दूसरे की टांग खीचने की आदत को दरकिनार कर , भाजपा के साथ सभी राजनीतिक दलों को मिलकर अपने देश का झंडा लाल चौक पर फहराकर सीमा पार वालों को अपनी एकता का परिचय देना चाहियें और रोकने वालों को करार जवाब भी ! देश में जितने भी युवा नेता है चाहे वो राहुल गाँधी हों या वरुण या उमर अब्दुल्ला ! जितने भी चेहरे है , सबको २६ जनवरी को लाल चौक पर एक साथ , एक श्रंखला में खड़े होकर तिरंगे को सलामी देनी चाहिए जिससे भरी सर्दी में अलगाववादियों को पसीने आ जाये ! क्योंकि ये ध्वजा भाजपा का नही बल्कि राष्ट्र का है ! आखिर उमर जितना दिमाग तिरंगा को रोकने के लिए लगा रहे है , उतने में तो तिरंगा फहराया जायेगा! लेकिन ये भारत है , अगर हर बात पर बवाल ना मचे और हर बात पर सियासी रोटियां ना पके , तो लोगों को खाना हज़म नहीं होता !
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